दिल्ली पुलिस की साइबर थाना टीम ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को आरटीओ अधिकारी बताकर लोगों से चालान के नाम पर ठगी करता था। आरोपी ने एक शिकायतकर्ता को कॉल कर कहा कि उसके वाहन पर भारी चालान लंबित है और समय रहते भुगतान नहीं करने पर वाहन का परमिट रद्द कर दिया जाएगा। डर के मारे पीड़ित ने ₹12,500 ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।
जांच में सामने आया कि आरोपी गाजियाबाद के आरटीओ कार्यालय में निजी एजेंट के रूप में काम करता था और वहीं से उसे पुराने रजिस्ट्रेशन डाटा की जानकारी मिली। आरोपी अशोक शर्मा नामक इस व्यक्ति ने ई-वाहन ऐप से भी जानकारी जुटाई और व्हाट्सएप कॉल्स व ट्रूकॉलर प्रोफाइल में पुलिस लोगो व अफसरों की तस्वीरें लगाकर खुद को असली अधिकारी साबित किया।
पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए आरोपी को ट्रेस कर गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। उसके पास से दो मोबाइल फोन और कई बैंक खातों की किट बरामद की गईं। पुलिस को संदेह है कि इस डाटा लीक में आरटीओ दफ्तर के कुछ कर्मचारियों की भी भूमिका हो सकती है। फिलहाल आगे की जांच जारी है।