दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एनडीपीएस एक्ट के एक पुराने मामले में फरार चल रहे कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर दिल्ली-एनसीआर की रेव पार्टियों में चरस की सप्लाई का आरोप है और यह 2.2 किलोग्राम अवैध चरस की खेप का स्रोत भी था। पकड़े गए अपराधी की पहचान डैन सिंह उर्फ डानवीर सिंह उर्फ डन्नू पुत्र निहालु राम निवासी गांव चौगान, पोस्ट ऑफिस बीड़, बैजनाथ, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के रूप में हुई है। आरोपी की उम्र 52 वर्ष है।
डैन सिंह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक पुराने एनडीपीएस केस (एफआईआर संख्या 14/2014) में वांछित था और सालों से गिरफ्तारी से बचता फिर रहा था। वर्ष 2022 में अदालत द्वारा उसे उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया था। उसने लंबे समय तक पहचान बदल-बदल कर खुद को छिपाया और अक्सर सिर्फ रात के समय ही अपने गांव आता था ताकि पुलिस की नजर में न आ सके।
जानकारी के अनुसार, 26 मार्च 2014 को आरोपी अनिल कुमार और अनिल उर्फ लक्की के साथ मिलकर करोल बाग में 2.2 किलो चरस एक रूसी नागरिक जॉर्जी डेडव को सप्लाई करने की तैयारी में था, जो इस चरस को दिल्ली-एनसीआर की रेव पार्टियों में भेजता था। उसी दौरान स्पेशल सेल ने छापेमारी कर मामले का भंडाफोड़ किया था। पूछताछ में अनिल कुमार और लक्की ने डैन सिंह का नाम लिया था, जिसके बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया था। लेकिन ट्रायल के दौरान वह कोर्ट से नदारद हो गया और फरार घोषित कर दिया गया।
हाल ही में क्राइम ब्रांच की WR-II टीम को गुप्त सूचना मिली कि फरार अपराधी डैन सिंह हिमाचल के बैजनाथ स्थित बीड़ गांव में आने वाला है। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर पवन सिंह की निगरानी में एसआई रविंदर सिंह, एचसी पवन हुड्डा और कांस्टेबल मनोज की टीम गठित की गई। तकनीकी निगरानी के जरिए आरोपी की लोकेशन को ट्रेस किया गया और 15 मई 2025 को बीड़ गांव में जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि गरीबी और नशे की लत ने उसे अपराध की दुनिया में धकेला। शुरुआत में वह खेती करता था, लेकिन नशे की लत के चलते अपने गांव के ही दो युवकों के संपर्क में आया जो दिल्ली में चरस सप्लाई करते थे। इसके बाद उसने अपने खेतों में ही चरस की खेती शुरू कर दी और दिल्ली तक इसकी तस्करी करने लगा।
फिलहाल आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है। क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई को दिल्ली पुलिस की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे नशे के नेटवर्क पर एक और सख्त प्रहार किया गया है।