इकोनॉमिक ऑफेन्स विंग (EOW), दिल्ली पुलिस ने टाटा AIG जनरल इंश्योरेंस कंपनी से करीब ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी दिनेश बंसल को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने 6 गैरेज, 4 पूर्व कर्मचारी, 3 बाहरी सर्वेयर और कुछ पॉलिसी होल्डर्स के साथ मिलकर फर्जी एक्सीडेंट और रिपेयर के नाम पर सैकड़ों झूठे क्लेम दायर कर कंपनी से करोड़ों की ठगी की।
जांच में खुलासा हुआ कि एक ही गाड़ी पर अलग-अलग नंबरों से कई क्लेम फाइल किए गए, और एक ही गाड़ी की अलग-अलग फोटो का इस्तेमाल कर बार-बार भुगतान लिया गया। आरोपी ने वाहनों को महंगे किराए पर बिजनेसमैन को दिया और फिर फर्जी एक्सीडेंट दिखाकर क्लेम किए। इस गोरखधंधे में दो टाटा AIG के पूर्व अधिकारी—प्रदीप राणा और दीपक शर्मा—भी शामिल थे, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
ठगी से जुटाई गई रकम को दिनेश बंसल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए वैध रूप देने की कोशिश की। उसने अपनी पत्नी और दोस्त के नाम पर वर्कशॉप्स खोले और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से 8 शेल कंपनियों के जरिये पैसों को घुमाया। पुलिस ने आम लोगों को आगाह किया है कि किसी भी इंश्योरेंस क्लेम के लिए फर्जी हादसे का सहारा लेना गैरकानूनी है। वहीं बीमा कंपनियों को हर दावे की गंभीरता से जांच करने और धोखाधड़ी की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोकने की सलाह दी गई है।