दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ के तहत बड़ी सफलता हासिल करते हुए चोरी और गुम हुए 305 हाई-एंड मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइल फोनों की बाजार में कुल कीमत करीब तीन करोड़ रुपये बताई जा रही है। खास बात यह है कि अब तक 216 मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को सौंपे जा चुके हैं, जिससे आम नागरिकों को राहत मिली है।
दिल्ली पुलिस वीक के अवसर पर 19 फरवरी 2025 को आइवान-ए-ग़ालिब ऑडिटोरियम, माता सुंदरी मार्ग, नई दिल्ली में ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने की। इस मौके पर संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) सुरेंद्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) संजय कुमार सैन, डीसीपी, एसीपी और क्राइम ब्रांच के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। इस मौके पर विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम) ने कहा कि क्राइम ब्रांच सिर्फ़ गंभीर अपराधों की गुत्थियां ही नहीं सुलझाती, बल्कि ऐसे छोटे-छोटे कदम भी उठाती है जो आम जनता के लिए राहत भरे साबित होते हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि पुलिस और जनता मिलकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में मोबाइल चोरी के बढ़ते मामलों को देखते हुए क्राइम ब्रांच ने ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ की शुरुआत की। इस पहल का मकसद न सिर्फ़ गुम हुए मोबाइल फोनों को ढूंढकर उनके मालिकों तक पहुंचाना है, बल्कि डेटा चोरी, पहचान की जालसाजी और साइबर अपराधों को भी रोकना है। इस ऑपरेशन के तहत क्राइम ब्रांच की साइबर सेल, AKEC और WR-1 यूनिट्स ने कई बड़ी गिरफ्तारियां कीं और मोबाइल चोरी तथा तस्करी करने वाले गिरोहों पर शिकंजा कसा।
ऑपरेशन के दौरान 10 जनवरी 2025 को साइबर सेल ने वजीराबाद, दिल्ली से मनीष यादव को गिरफ्तार किया और 195 महंगे मोबाइल फोन (कुल कीमत लगभग दो करोड़ रुपये) बरामद किए। इसी कड़ी में 30 जनवरी 2025 को AKEC टीम ने इंद्रप्रस्थ पार्क बस स्टैंड से राहुल (टिगरी जे.जे. कॉलोनी) और वहीद (संगम विहार) को गिरफ्तार कर 58 चोरी के महंगे मोबाइल फोन बरामद किए। इसके अलावा, 10 फरवरी 2025 को WR-1 टीम ने अमन विहार, किराड़ी, सुल्तान नगर से आसिफ उर्फ़ कमल (27 साल) को गिरफ्तार किया और 52 चोरी के मोबाइल फोन, जिसमें 40 आईफोन शामिल थे, बरामद किए।
चोरी और गुम हुए मोबाइल फोनों की पहचान करना एक चुनौतीपूर्ण काम था, क्योंकि कई फोन लॉक थे या डिस्चार्ज हो चुके थे। इसके अलावा, इन्हें दर्ज FIRs और गुमशुदा रिपोर्ट से लिंक करना भी आसान नहीं था। लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मुश्किल काम को बखूबी अंजाम दिया और अब तक 216 मोबाइल फोन उनके असली मालिकों तक पहुंचाए जा चुके हैं। साइबर सेल द्वारा 173 मोबाइल फोन, AKEC टीम द्वारा 23 मोबाइल फोन और WR-1 टीम द्वारा 20 मोबाइल फोन लौटाए गए हैं।
क्राइम ब्रांच अभी भी अन्य बरामद मोबाइल फोनों की जांच कर रही है। जैसे ही उनके मालिकों की पहचान पूरी होगी, उन्हें भी सौंप दिया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल चोरी या गुम हुए मोबाइल फोनों को ट्रैक कर उनके असली मालिकों तक पहुंचाना है, बल्कि डेटा चोरी और साइबर अपराधों को रोकना भी है। साथ ही, नागरिकों को ई-एफआईआर दर्ज कराने और अपने फोन का IMEI नंबर सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करना भी इसका एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
दिल्ली पुलिस ने सभी नागरिकों से सतर्क रहने, अपने मोबाइल फोन को सुरक्षित रखने और चोरी या गुमशुदगी की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करने की अपील की है। पुलिस का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और मोबाइल चोरी व तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।