दक्षिण पश्चिम रेलवे, बेंगलुरू के तीन अधिकारियों को CBI ने धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाया है। अदालत ने इन्हें 4 साल की कठोर सजा (RI) और 2.35 लाख रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। दोषी पाए गए अधिकारी श्री एम. नागराज (पूर्व कार्यालय अधीक्षक), श्री शादाब खान (पूर्व कार्मिक शाखा लिपिक), और श्रीमती पद्मिनी (पूर्व लेखा सहायक, सेवानिवृत्त) हैं।
CBI ने इस मामले में 27 अप्रैल 2016 को जांच शुरू की थी, जब यह सामने आया कि इन अधिकारियों ने मिलकर रेलवे को धोखा देते हुए गलत तरीके से भुगतान किया। आरोप था कि इन्होंने 16 कर्मचारियों के नाम पर बिना किसी बिल, रसीद या आवेदन के ट्यूशन फीस और हॉस्टल सब्सिडी के भुगतान को मंजूरी दी थी। इससे रेलवे को करीब 18 लाख रुपये का नुकसान हुआ, जबकि आरोपियों को इसका फायदा हुआ।
CBI ने जांच के बाद 21 नवंबर 2016 को आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने सुनवाई के बाद इन आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें 4 साल की सजा और 2.35 लाख रुपये जुर्माना लगाया। CBI की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ उसके सख्त रुख को दर्शाती है, और यह संदेश देती है कि सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।