नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने मंगलवार को दो धोखाधड़ी के आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के SAMRIDH योजना के तहत 3 करोड़ रुपये से अधिक की राशि धोखाधड़ी से हड़प ली थी। गिरफ्तार आरोपियों में प्रवीण अग्रवाल, जो कि एचपीपीएल फाउंडेशन के निदेशक हैं, और चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधांशु कुमार राकेश शामिल हैं। दोनों आरोपियों ने MeitY Startup Hub के तहत निर्धारित धन को स्टार्टअप्स को वितरित करने का झांसा देकर निजी उपयोग के लिए गबन कर लिया।
पुलिस के अनुसार, MeitY ने SAMRIDH योजना के तहत आठ स्टार्टअप्स के लिए एचपीपीएल फाउंडेशन को 3.04 करोड़ रुपये जारी किए थे, लेकिन आरोपियों ने ये फंड्स स्टार्टअप्स को नहीं दिए। इसके बदले में उन्होंने फर्जी उपयोग प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए, जिन्हें सुधांशु कुमार राकेश ने अपनी सील और हस्ताक्षर से प्रमाणित किया था। आरोपियों ने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए मंत्रालय को गुमराह किया और धन की हेराफेरी की।
जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने कई स्टार्टअप्स से धन एकत्र किया और सरकारी फंड्स जारी करने का झांसा दिया, जो कभी नहीं आया। मामले का खुलासा होते ही दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। प्रवीण अग्रवाल को बैंगलोर से और सुधांशु कुमार राकेश को पटना से गिरफ्तार किया गया।
यह धोखाधड़ी MeitY और स्टार्टअप्स के लिए बड़ी वित्तीय क्षति का कारण बनी है। पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है और यह साफ हो गया है कि आरोपियों ने जानबूझकर धोखाधड़ी की थी, जिसका खुलासा अब हो चुका है।