दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतरराज्यीय ड्रग्स कार्टेल का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में 228 किलो उच्च गुणवत्ता वाला गांजा बरामद किया गया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1.14 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक गांजे का स्रोत भी है।
दिल्ली-एनसीआर में मादक पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसने के लिए अपराध शाखा ने ऑपरेशन ‘कवच’ चलाया हुआ है। इसी के तहत अपराध शाखा की पश्चिमी क्षेत्र-1 (WR-I) टीम ने गाज़ियाबाद के रहने वाले आरोपी जीवन सुनार और दिल्ली के बादली गांव के निवासी परमाणंद उर्फ़ प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया है। इन दोनों से 228 किलो गांजा बरामद किया गया है। गांजे का स्रोत ओडिशा के कोरापुट जिले का निवासी राजेश अडिकथिया है, जिसे पहले ही दिल्ली पुलिस ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस के अनुसार, आरोपी जीवन सुनार और परमाणंद गांजे की तस्करी ओडिशा-आंध्र प्रदेश सीमा से करते थे। गांजा ट्रक में छिपाकर दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पहुंचाया जाता था। आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए गांजे को घरेलू सामान के साथ ट्रक में छिपाकर रखा था।
इस ऑपरेशन को अपराध शाखा की ACP/WR-I के निर्देशन में अंजाम दिया गया। पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर ट्रक को पकड़ा, जिसमें गांजा लाया जा रहा था। मौके पर ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी जीवन सुनार ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह परमाणंद के निर्देश पर गांजा लाने का काम करता था।
जीवन सुनार, जो गांजा सप्लायर है, नेपाल के एक गांव में पैदा हुआ था और अनपढ़ है। भारत में आकर उसने ट्रक चालक के रूप में काम करना शुरू किया। दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में उसकी मुलाकात परमाणंद से हुई, जिसने उसे गांजा लाने के बदले मोटी रकम का लालच दिया।
परमाणंद उर्फ़ प्रवीण कुमार दिल्ली के बादली गांव का निवासी है और उसने 10वीं तक पढ़ाई की है। पहले वह वाहन चोरी के मामले में जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद उसने गांजा बेचने का धंधा शुरू कर दिया। ओडिशा से गांजा लाते समय भी वह पहले गिरफ्तार हो चुका है। जेल से रिहा होने के बाद उसने ट्रक के लिए ऑनलाइन लोडिंग का काम शुरू किया, लेकिन पैसे कमाने के लिए उसने गांजे की तस्करी का काम फिर से शुरू कर दिया।
पुलिस ने मामले की जांच जारी रखते हुए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।