दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अंतर्राज्यीय ऑटो-लिफ्टिंग गिरोह का भंडाफोड़ किया, 13 गिरफ्तार, 20 लग्जरी गाड़ियां जब्त

दिल्ली पुलिस के ईस्टर्न रेंज-1, क्राइम ब्रांच ने एक बड़े अंतर-राज्यीय ऑटो-लिफ्टर्स के सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 20 लग्जरी कारें बरामद की हैं। यह गिरोह चोरी की गाड़ियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे Cars24 और CarDekho के माध्यम से बेचता था। अब तक आरोपियों ने लगभग 40 से 50 कारें बेची हैं, जिनमें से 20 कारों को पुलिस ने बरामद कर लिया है

यह पूरा ऑपरेशन इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के नेतृत्व में एसआई रंजीत सिंह, एसआई प्रकाश, एसआई देवेंद्र मलिक, एएसआई अशोक, एएसआई संदीप चावला और कई अन्य अधिकारियों की टीम द्वारा अंजाम दिया गया। ऑपरेशन एसीपी रोहिताश कुमार, डीसीपी संजय कुमार सैन और विशेष आयुक्त संजय भाटिया की निगरानी में चलाया गया।

पुलिस के अनुसार, यह सिंडिकेट चोरी की गाड़ियों के इंजन और चेसिस नंबरों के साथ छेड़छाड़ कर, नकली दस्तावेज बनाकर उन्हें Cars24 और CarDekho जैसे प्लेटफार्मों पर बेचता था। इसके लिए यह गिरोह चोरी की गाड़ियों से मेल खाती वास्तविक गाड़ियों के मालिकों की जानकारी एकत्र करता था और फिर नकली पहचान दस्तावेज़ों के साथ बैंक खाते खोलता था। इस तरह, चोरी की गाड़ियों को असली गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर के तहत बेच दिया जाता था, जिससे गाड़ी चोरी का कोई रिकॉर्ड नहीं रह जाता था।

ऑपरेशन की शुरुआत दो मोटर वाहन चोरी के मामलों की जांच से हुई, जिनमें से एक मामला 4 फरवरी 2024 को अमर कॉलोनी थाने में और दूसरा 18 जुलाई 2024 को शाहबाद डेयरी थाने में दर्ज किया गया था। इन मामलों में एक हुंडई क्रेटा कार चोरी हुई थी।

पुलिस ने तकनीकी निगरानी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरी की एक हुंडई क्रेटा कार को मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन के पास से बरामद किया। कार के साथ आरोपी अनवर कुरैशी को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से लगभग 40 संदिग्ध वाहनों की जानकारी और 20 फर्जी बैंक खातों से संबंधित डेटा भी बरामद हुआ।

इसके बाद पुलिस ने सूचना के आधार पर आनंद विहार आईएसबीटी से पुरू सिंह और जयंत कुमार जेना को गिरफ्तार किया। ये दोनों Cars24 के जरिए चोरी की गाड़ी बेचने की योजना बना रहे थे।

पूछताछ के दौरान अनवर कुरैशी ने बताया कि वह अपने साथी शादाब और ‘डॉक्टर दानिश’ नाम के एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करता था। उन्होंने बताया कि वह और उनके साथी फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए गाड़ियाँ बेचने के लिए Cars24 और CarDekho जैसी ऑनलाइन कंपनियों का इस्तेमाल करते थे।

इस दौरान आरोपी अनवर ने मोहम्मद रियाज़, जो कि एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक में कार्यरत था, की मदद से फर्जी बैंक खाते भी खुलवाए थे। इसके अलावा, शाहीन बाग के रहने वाले शाहिल और अल्ताफ, जो एक प्रिंटिंग शॉप चलाते थे, भी इस काम में शामिल थे और उन्होंने फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज तैयार किए थे।

अब तक इस ऑपरेशन में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें अनवर कुरैशी, मोहम्मद रियाज़, किशन कुमार, शाहजाद अहमद, विकाश मिश्रा, शाहिल, अल्ताफ, पुरू सिंह, जयंत कुमार जेना, कुंदन गिरी, नऊशाद, मोहसिन खान, और ब्रजेश कुमार शामिल हैं। इनके पास से 20 लग्जरी कारें, 20 मोबाइल फोन, 200 नकली चिप-एम्बेडेड प्लास्टिक कार्ड, 15 चेकबुक्स, और 14 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।

पुलिस अब फरार आरोपियों, जैसे कि पवन अंधा और दानिश, जो चोरी की गाड़ियों की आपूर्ति करते थे, की तलाश में जुटी है

पुलिस इस मामले में और भी चोरी की गाड़ियों की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।

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