दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो कुख्यात झपटमारों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों अपराधी द्वारका और पश्चिमी दिल्ली में चेन स्नैचिंग की कई वारदातों को अंजाम दे चुके थे। पुलिस के अनुसार, इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में बनी एजीएस टीम को सूचना मिली थी कि ये दोनों अपराधी अवैध हथियारों के साथ घूम रहे हैं और जल्द ही किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले हैं।
16 फरवरी की सुबह जब पुलिस ने ककरोला नाले के पास बैरिकेड लगाकर चेकिंग शुरू की, तभी एक मोटरसाइकिल पर दो संदिग्ध तेजी से आते दिखे। पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन दोनों भागने लगे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो दोनों ने हथियार निकाल लिए। एक आरोपी ने पिस्टल लोड कर पुलिस पर फायर करने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण गोली नहीं चली। जबकि दूसरे आरोपी ने एकल शॉट पिस्टल से फायरिंग की, जिससे एसआई अगम और एचसी पप्पू बाल-बाल बच गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें एक गोली अंकुश के पैर में लगी और दोनों अपराधियों को धर दबोचा गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंकुश पासवान और अंधिर कुमार के रूप में हुई है। दोनों आरोपी लंबे समय से झपटमारी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने उनके पास से एक अत्याधुनिक पिस्टल, एक सिंगल शॉट पिस्टल, चार जिंदा कारतूस और वारदात में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल बरामद की है।
जांच में सामने आया कि 13 अक्टूबर 2024 को अंकुश और अंधिर ने मात्र आधे घंटे में द्वारका में तीन अलग-अलग जगहों पर चेन स्नैचिंग की थी। वारदात के बाद अंकुश गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई भाग गया, जहां वह एक होटल में काम कर रहा था। 14 फरवरी 2025 को दोनों ने फिर से दिल्ली लौटकर चार और स्नैचिंग की घटनाओं को अंजाम दिया।
अंकुश पासवान मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और बेहद कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख चुका था। अब तक वह करीब 100 मोबाइल फोन और 50 सोने की चेन झपटने की वारदातों में शामिल रहा है। दूसरी ओर, अंधिर कुमार बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला है, जिसने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। बाद में वह दिल्ली आकर बैटरी रिक्शा चलाने लगा और फिर ओला-उबर के लिए गाड़ी चलाने लगा। अंकुश की लाइफस्टाइल देखकर उसने भी जल्दी पैसा कमाने के लालच में अपराध की दुनिया में कदम रख लिया।
दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज थे, जिनमें द्वारका, तिलक नगर और हरिनगर के थानों में एफआईआर दर्ज थी। पुलिस अब इनके अन्य आपराधिक गतिविधियों की भी जांच कर रही है।
